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पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया ‘यशोभूमि’ का पहला चरण


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समग्र समाचार सेवा नई दिल्ली, 17सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया. इस केंद्र का नाम ‘यशोभूमि’ रखा गया है. ‘यशोभूमि’ पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने इस केंद्र का मुआयना भी किया. इसे लगभग 5,400 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है. ‘यशोभूमि’ में विश्‍व-स्‍तरीय बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनियों की मेजबानी की जा सकेगी. यह दुनिया के सबसे बड़े सम्‍मेलन और प्रदर्शनी सुविधा स्‍थलों में से एक है. करीब 73,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में 15 कन्वेंशन रूम हैं.

इनमें मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 11,000 प्रतिनिधियों के बैठने की कुल क्षमता वाले 13 बैठक कक्ष शामिल हैं. कन्वेंशन सेंटर में देश का सबसे बड़ा एलईडी मीडिया स्‍क्रीन है. इसके मुख्‍य सभागार में करीब छह हजार लोगों के बैठने की क्षमता है. कन्वेंशन सेंटर का पूर्ण हॉल लगभग 6,000 मेहमानों की बैठने की क्षमता से सुसज्जित है. ऑडिटोरियम में सबसे नवीन स्वचालित बैठने की प्रणालियों में से एक है, जो फर्श को एक सपाट फर्श या अलग-अलग बैठने की व्यवस्था के लिए ऑडिटोरियम शैली में बैठने में सक्षम बनाती है.

सभागार में उपयोग किए गए लकड़ी के फर्श और ध्वनिक दीवार (एकुस्टिक वॉल) पैनल आगंतुक को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करेंगे. अद्वितीय पंखुड़ी की छत वाला ग्रैंड बॉलरूम लगभग 2,500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है. इसमें एक विस्तारित खुला क्षेत्र भी है, जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं. आठ मंजिलों में फैले 13 बैठक कक्षों में विभिन्न स्तरों की विभिन्न बैठकें आयोजित करने की परिकल्पना की गई है. ‘यशोभूमि’ दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी सभागारों में से एक है.

एक लाख सात हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने इन प्रदर्शनी सभागारों का उपयोग प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और व्यावसायिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा, और ये एक भव्य अग्रदीर्घा (फ़ोयर) स्थान से जुड़े हुए हैं, जिसे तांबे की छत के साथ विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किया गया है, जो विभिन्न स्काईलाइट के माध्यम से अंतरिक्ष में प्रकाश को फ़िल्टर करता है. फ़ोयर में मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज, क्लॉक सुविधाएं, आगंतुक सूचना केंद्र, टिकटिंग जैसे विभिन्न सहायता क्षेत्र होंगे. ‘यशोभूमि’ में सभी सार्वजनिक परिसंचरण क्षेत्रों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह सम्मेलन केंद्रों के बाहरी स्थान के साथ निरंतरता का बोध कराता है.

यह टेराज़ो फर्श के रूप में भारतीय संस्कृति से प्रेरित सामग्रियों और वस्तुओं से बना है, जिसमें पीतल की जड़ाई रंगोली पैटर्न, सस्पेंडेड साउंड एव्जोरवेंट मेंटल सिलेंडर और रोशनी की पैटर्न वाली दीवारें हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक ‘यशोभूमि’ स्थिरता के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित करती है, क्योंकि यह 100 प्रतिशत अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग, वर्षा जल संचयन के प्रावधानों के साथ अत्याधुनिक अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली से सुसज्जित है, और इसके परिसर को सीआईआई के भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से प्लेटिनम प्रमाणन प्राप्त हुआ है.

‘यशोभूमि’ आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्च तकनीक सुरक्षा प्रावधानों से भी सुसज्जित है. यह तीन हजार से अधिक कारों के लिए भूमिगत कार पार्किंग सुविधा तथा 100 से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट से सुसज्जित है. The post पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया ‘यशोभूमि’ का पहला चरण appeared first on Samagra Bharat News website. (SAMAGRA BHARAT)