स्वास्थ्य और पर्यावरण का एक दूसरे से गहरा संबंद्ध है- पीएम मोदी
समग्र समाचार सेवा गांधीनगर, 22अगस्त। आमतौर पर ट्रेडिशनल मेडिसिन मतलब पारंपरिक चिकित्सा को इंसानों से जोड़कर देखा जाता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसका विस्तार प्रकृति और पर्यावरण तक किया है ।
गुजरात के गांधीनगर में आयोजित पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और पर्यावरण का एक दूसरे से गहरा संबंद्ध है । उन्होंने अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ पर्यावरण को जरूरी बताते हुए कहा कि हमें इंसानों के साथ साथ सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधों और प्रकृति को भी स्वस्थ बनाने की कोशिश करनी चाहिए और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पारंपरिक चिकित्सा खासा मददगार हो सकता है ।
पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन में दुनिया के 70 देशों से आये सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वक्त की जरूरत है कि हम सब मिलकर स्वास्थ्य सेवा की चुनौतियों का सामना करें । कोविड संकट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस संकट ने हमें एक बार फिर याद दिला दिया कि स्वास्थ्य हमारे जीवन का आधार है और इससे बड़ी संपदा कुछ और नहीं है ।
कोविड संकट से निपटने में भारत की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमने 100 से ज्यादा देशों को 300 मिलियन कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराया था । अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी की किताब Key to health का भी उल्लेख किया और कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहिए । संस्कृत के सूत्र वाक्य-आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम् का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि निरोगी होना परम भाग्य है और अच्छे स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने खास तौर पर मिलेट्स जिसे श्री अन्न भी कहा जाता है, का खास तौर पर जिक्र किया और कहा कि श्री अन्न के सेवन से हम स्वस्थ रह सकते हैं । शिखर सम्मेलन को लगातार दूसरे दिन संबोधित करते हुए WHO महासचिव डॉ. ट्रेडोस एडनोम घेब्येययस ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत के प्रयासों की जमकर तारीफ की । उन्होंने अपनी बात हिंदी में बहुत बहुत धन्यवाद कहते हुए की । उनके इस अंदाज पर सभागार में जमकर तालियां बजी ।
शिखर सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में WHO के प्रयासों की तारीफ की और कहा कि पारंपरिक चिकित्सा से दुनिया को स्वस्थ रखने में बहुत मदद मिलेगी । इस मौके पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा कि आयुष मंत्रालय प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है । शिखर सम्मेलन में आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के देशों में आपसी सहयोग और संवाद बेहद जरूरी है ।
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन इस बात पर खास तौर पर चर्चा की गई कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा प्रणाली में किस तरह से किया जा सकता है ? इस विषय पर दुनिया के अलग अलग देशों से आए विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी । सभी विशेषज्ञ इस बात पर एकमत दिखे कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से पारंपरिक चिकित्सा को काफी फायदा हो सकता है लेकिन इस दिशा में काफी काम किया जाना बाकी है । सम्मेलन के दौरान डिजिटल टेक्नोलॉजी से जुड़ी एक फिल्म के जरिए दिखाया गया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) दुनिया की मौजूदा स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर और तकदीर बदल रहा है ।
पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन के दौरान योग और ध्यान का विशेष सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें विदेशी मेहमानों ने काफी उत्साह से भाग लिया । गौरतलब है कि गुजरात के जामनगर में स्थापित दुनिया के पहले ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के बाद अब भारत के ही गांधीनगर में परंपरागत चिकित्सा पर प्रथम वैश्विक शिखर सम्मेलन के आयोजन को भारत की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है ।
आयुष मंत्रालय और WHO की मेजबानी में आयोजित इस सम्मेलन में देश विदेश के वैज्ञानिक, चिकित्सा विशेषज्ञ और सिविल सोसाइटी के सदस्य परंपरागत चिकित्सा के तमाम पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैं और ये सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि पारंपरिक चिकित्सा का लाभ दुनिया के आखिरी इंसान तक पहुंचे । The post स्वास्थ्य और पर्यावरण का एक दूसरे से गहरा संबंद्ध है- पीएम मोदी appeared first on Samagra Bharat News website. (SAMAGRA BHARAT)